डेढ़ सौ दवाओं के रेट गिरे

शिमला। हिमाचल में 151 दवाओं के रेट गिर गए हैं। यह गिरावट कई दवाओं के मूल्यों में 60 फीसदी तक भी आई है। दवा कंपनियों को नए निर्धारित रेट पर 151 दवाएं बेचने के लिए दी गई अवधि बुधवार को पूरी हो गई। वीरवार से नए रेट तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं। इसके बाद अब अगर दवा विक्रेता पुराने रेट पर दवाएं बेचेंगे, तो उन पर कार्रवाई होगी। उनका लाइसेंस जब्त होगा। जुर्माना भी हो सकता है।
केंद्र सरकार के आदेश के बाद 28 अगस्त के बाद 151 तरह की दवाओं के मूल्य घटने प्रस्तावित थे। अक्तूबर माह तक कुल 348 दवाओं के रेट घटेंगे। इनमें एंटीबायोटिक से लेकर बीपी, पेट दर्द तक की दवाएं भी शुमार हैं। इन दवाओं का नए ड्रग्स प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (डीपीसीओ) के तहत नए सिरे से मूल्य निर्धारण किया गया है। पहले इन दवाओं के मूल्य पर नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथारिटी नहीं करती थी। इनके रेट अलग-अलग कंपनियों ने मनमर्जी से रखे होते थे। अब ये निर्धारित हो गए हैं। 15 मई को डीपीसीओ निकालने के बाद 14 जून को 151 दवाओं, 21 जून को 26, 28 जून को 51, 5 जुलाई को 25 और 22 जुलाई को 26 दवाओं का मूल्य निर्धारण किया गया। नई खेप उतारने को 45-45 दिन का समय दिया गया। फिर 30-30 अतिरिक्त दिनों का वक्त दिया गया। 151 तरह की दवाओं को दिया गया यह समय बुधवार को पूरा हो गया।

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ब्रांडेड दवाएं बेचने वाली कंपनियों पर असर
हिमाचल प्रदेश मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स एसोसिएशन के सचिव सेठचंद शर्मा ने कहा है कि इसका असर कुछ बड़ी ब्रांडेड कंपनियों पर ज्यादा पड़ा है। दवा कंपनियों ने नई खेप को मार्केट में उतार दिया है। पुरानी खेप पर स्टीकर लगाकर उन्हें अब नए रेट पर बेचा जा रहा है।

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विक्रेताओं पर नजर रखेंगे, कार्रवाई करेंगे
‘सभी ड्रग इंस्पेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे दवा विक्रेताओं पर नजर रखें कि वे निर्धारित कीमतों पर दवाइयां बेच रहे हैं या नहीं।’
नवनीत मरवाह, स्टेट ड्रग कंट्रोलर, हिमाचल प्रदेश।
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इन दवाओं के कम हुए दाम
एसीक्लोविर टैबलेट्स, एडेनोसाइन इंजेक्शन, एंपीसिलिन पाउडर, एंटी डी इम्युनोग्लोबिन, एट्रोपिन सल्फेट इंजेक्शन, एजीथ्रिमाइसिन, बीटाजोलोल हाइड्रोक्लोराइड ड्राप्स, साइक्लोस्पोरिन कैप्सूल, डीपीटी वैक्सीन, डाइजेपाम इंजेक्शन, फोलिक एसिड टैबलेट, मिडाजोलम इंजेक्शन, ऑफ्लोक्सेसिन सीरप। यह सूची 151 तरह की दवाओं की है।

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